मुशर्रफ को राहत; लाहौर HC ने मौत की सजा को बताया असंवैधानिक

Publish On: 14 Jan, 2020 02:29 PM | Updated   |   Shivani  

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और मिलिट्री रूलर जनरल परवेज मुशर्रफ को लाहौर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने उस अदालत को ही असंवैधानिक घोषित कर दिया जिसने परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा सुनाई थी और उसके फैसले पर भी रोक लगा दी है। मुशर्रफ को देशद्रोही करार देते हुए मौत की सजा सुनाई गई थी। इस्लामाबाद की एक अदालत ने पिछले साल दिसंबर में यह फैसला सुनाया था।

74 साल के मुशर्रफ के खिलाफ 2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार ने मामला दायर किया था। मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह के इस हाई प्रोफाइल मामले की सुनवाई करीब 6 साल तक चली थी। इस फैसले को मुशर्रफ द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई जिसके बाद जस्टिस सैयद मजहर अली अकबर नकवी, जस्टिस मोहम्मद अमीर भट्टी और जस्टिस चौधरी मसूद जहांगीर की पीठ ने सोमवार को इस मामले पर अपना फैसला सुनाया।

तीन जजों की पीठ ने स्पेशल कोर्ट के फैसले को असंवैधानिक करार दिया है। मुशर्रफ ने अपनी याचिका में लाहौर हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि वह विशेष अदालत के उस फैसले को रद्द करे जो अपने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर दिया गया है। इससे पहले इमरान सरकार ने परवेज मुशर्रफ की मौत की सजा पर ऐतराज जताया था।

मुशर्रफ के खिलाफ इस मामले की शुरुआत 1999 से ही हो गई थी, जब उन्‍होंने तत्‍कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्‍ता पलट कर सत्‍ता हथिया ली थी। तीन साल बाद 2002 में हुए आम चुनाव में वह जीते भी, हालांकि आलोचकों ने इसे धांधली से मिली जीत बताया था। मुशर्रफ फिलहाल दुबई में रह रहे हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है।