उत्तर प्रदेश स्थित कानपुर के बिकरु (Kanpur Bikaru Village) गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) के एनकाउंटर मामले की जांच रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी. इस कमेटी में पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता भी शामिल होंगे.
दरअसल इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई, जहां उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बीएस चौहान को जांच कमेटी का हिस्सा बनने के लिए संपर्क किया गया था. जस्टिस चौहान ने सहमति दे दी है. मेहता ने पूर्व पुलिस महानिदेशक केएल गुप्ता को भी जांच टीम का हिस्सा बनाने का सुझाव दिया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी.
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इन दोनों नाम पर मुहर लगने के बाद अब यह कमेटी एक हफ्ते में काम शुरू करेगी और दो महीने के अंदर जांच की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपेगी. वहीं इस SIT की जांच की शीर्ष अदालत निगरानी नहीं करेगा.
इससे पहले SG मेहता ने अदालत को बताया कि जांच टीम उन परिस्थितियों की जांच करेगी, जिसके चलते लगभग 64 आपराधिक मामलों में नामजद होने के बावजूद विकास दुबे को जमानत या पैरोल पर कैसे रिहा किया गया था. हम इसमें राज्य के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई ना करने की वजहों का पता भी लगाएंगे. इस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने कहा कि हम इसे सबसे महत्वपूर्ण कारक मानते हैं.