चीन की मदद से अनुच्छेद 370 की बहाली को लेकर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के नेता फारूक अब्दुल्ला के बयान पर बीजेपी के बाद कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी पलटवार किया है। सिंघवी ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला का बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना और निंदनीय है। हालांकि, एनसी की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री को बयान को लेकर सफाई दी गई है और कहा है कि उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया।
अभिषेक मनु सिंघवी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ''राजनीतिक विचारधारा, मतभेद, मनभेद सब अपनी जगह हैं, लेकिन उस वक्त जब चीन हमारी सरहदों पर नापाक इरादों के साथ तैनात है, तब फारूक अब्दुल्ला का चीन के पक्ष में बयान न केवल बेहद गैर जिम्मेदाराना है बल्कि निंदनीय भी।''
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस बात से इनकार किया कि अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि चीन के सहयोग से अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा और भाजपा पर आरोप लगाया कि टीवी इंटरव्यू में उनकी टिप्पणियों को पूरी तरह घुमा दिया। पार्टी ने कहा कि अब्दुल्ला ने रविवार को दिए साक्षात्कार में कभी भी चीन की विस्तारवादी मंशा या उसके उग्र रवैये को उचित नहीं ठहराया। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के प्रवक्ता ने कहा, ''हमारे अध्यक्ष पिछले वर्ष पांच अगस्त को संसद द्वारा अनुच्छेद 370 और 35-ए के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने पर लोगों के गुस्से को उजागर कर रहे थे जो हाल के महीने में वह लगातार करते रहे हैं। उन्होंने जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी इन बदलावों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है।''
क्या कहा था फारूक अब्दुल्ला ने?
फारूक अब्दुल्ला ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा था, ''जहां तक चीन का सवाल है मैंने तो कभी चीन के राष्ट्रपति को यहां बुलाया नहीं। हमारे वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) ने उसे गुजरात में बुलाया, उसे झूले पर भी बिठाया, उसे चेन्नई भी ले गए, वहां भी उसे खूब खिलाया, मगर उन्हें वह पंसद नहीं आया, और उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर कहा कि हमें यह कबूल नहीं है। और जब तक आप आर्टिकल 370 को बहाल नहीं करेंगे, हम रुकने वाले नहीं हैं, क्योंकि तुम्हारे पास अब यह खुल्ला मामला हो गया है। अल्लाह करे कि उनके इस जोर से हमारे लोगों को मदद मिले और अनुच्छेद 370 और 35A बहाल हो।''