हिन्दू पौराणिक कथाओं में कई सारी कथाओं के बारे में बताया गया है। वहीं इनमे से एक एक कथा समुद्र मंथन की भी है। जो कि सभी अमृत कलश की वजह से सभी को याद है। समुद्र मंथन दानवों और देवताओं ने मिलकर किया था और इस दौरन दानव और देवताओं के बीच युद्ध छिड़ गया था और ये युद्ध समुद्र मंथन के वक़्त निकले अमृत कलश को लेकर हुआ था। समुद्र मंथन के समय जब समुद्र से अमृत कलश निकला था, तब देवता चाहते थे कि ये अमृत दानवों को ना मिले। जिसके बाद इस अमृत कलश को लेकर दानव और देवताओं के बीच युद्ध हुआ। वहीं भगवान विष्णु ने चालकी से मोहिनी अवतार लेकर देवताओं को अमृत पिलाया। वहीं अब इस अमृत कलश का जिक्र फिर से हुआ है।
जानकारी के अनुसार मुस्लिम देश इंडोनेशिया के कंडी सुकुह नाम के प्राचीन मंदिर में अमृत कलश मिला है कहा जाता है कि इस प्राचीन मंदिर में ऐसा कलश मौजूद है जिसके अन्दर अमृत है क्योंकि ये हजारों साल से नहीं सूखा। इसी के साथ ये भी कहा जाता है कि ये वही कलश है जो समुद्र मंथन के दौरान निकला था, जिसमें एक शिवलिंग भी है।
रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम देश इंडोनेशिया जो की पहले हिन्दी राष्ट्र था वही इस देश के कंडी सुकुह प्राचीन मंदिर की एक दीवार पर महाभारत का आदिपर्व अंकित किया हुआ है और इस जानकारी साल 2016 में मिली जब यहां का पुरातत्व विभाग यहां की मरम्मत का काम करवा रहा था, इस दौरन एक्सपर्ट्स की टीम इस बात का पता चला एक्सपर्ट्स को यहाँ पर एक तांबे का कलश मिला, जिसमें एक पारदर्शी शिवलिंग जुड़ा हुआ था। इसके भीतर एक खास लिक्विड भरा हुआ है।
जिसके बाद इन चीजों पर रिसर्च किया गया जिसमें पता चला कि तांबे के बर्तन से इसकी बड़ी बारीक़ जुड़ाई की गई है ताकि इसे किसी भी तरह खोला न जा सके। वहीं जिस दीवार पर ये मिला है उस पर 'अमृत मंथन' की नक्काशी मौजूद है।
वहीं इस कलश की कॉर्बन डेटिंग लगभग बारहवीं सदी की बताई गई। इस काल में मलेशिया सम्पूर्ण हिन्दू राष्ट्र था, लेकिन पंद्रहवी सदी में जब इस्लाम से खतरा हुआ तो इस नायाब वस्तु को इस मंदिर में छुपा दिया गया होगा। इस कलश और लिंग के साथ और भी कई कीमती रत्न भी मिले हैं।